Site icon EXCLUSIVE पत्रिका

ISRO’s SpaDeX Mission :62वें PSLV लॉन्च में भारत ने रचा इतिहास!

ISRO's SpaDeX Mission

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल करने वाला है। कल, 30 अक्टूबर को, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से ISRO’s SpaDeX Mission के तहत स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को अंजाम देगा। यह मिशन भारत को रूस, अमेरिका और चीन के बाद स्पेस डॉकिंग की कला में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बना देगा। ISRO’s SpaDeX Mission न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशन्स के लिए एक मजबूत नींव रखता है।

ISRO के चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ ने इस मिशन को एक “साहसिक कदम” बताया है। उन्होंने कहा, “जब अंतरिक्ष में कई ऑब्जेक्ट्स को एक स्पेसिफिक पर्पस के लिए एक साथ लाना होता है, तो डॉकिंग की प्रक्रिया की जरूरत पड़ती है।

यह क्षमता भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशन्स के लिए केंद्रीय भूमिका निभाएगी, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksha Station), ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम और चंद्रयान-4 जैसे लूनर सैंपल रिटर्न मिशन शामिल हैं।

ISRO’s SpaDeX Mission पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ टेक्नोलॉजी पर आधारित है। ISRO ने अपने यूनिक डॉकिंग मैकेनिज्म को पेटेंट भी कराया है, जो इस मिशन के लिए स्पेशली डिजाइन किया गया है। इस मिशन में 229 टन वजनी PSLV रॉकेट के जरिए दो छोटे सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जाएगा। ये सैटेलाइट्स 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्वायत्त रूप से डॉकिंग और अनडॉकिंग मैन्युवर्स को अंजाम देंगे।

डॉ. सोमनाथ ने बताया, “SpaDeX मिशन सिर्फ डॉकिंग से आगे का प्रदर्शन करता है। डॉकिंग के बाद सैटेलाइट्स को अलग करके इंडिपेंडेंट टास्क्स, जैसे रिमोट सेंसिंग या साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स, किए जा सकते हैं। इसके अलावा, PSLV लॉन्च में एक पेलोड एक्सपेरिमेंटल ऑर्बिटल मॉड्यूल (POEM) भी शामिल होगा, जो स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स को अंतरिक्ष में नई टेक्नोलॉजीज का टेस्ट करने का मौका देगा।

डॉकिंग प्रक्रिया में दो सैटेलाइट्स को 7,800 मीटर प्रति सेकंड की स्पीड से मूव करते हुए एलाइन करना होता है। उनकी हाई वेलोसिटी के बावजूद, उनके बीच रिलेटिव मोशन को सिर्फ सेंटीमीटर या मिलीमीटर प्रति सेकंड तक कम करना होता है ताकि एक सुरक्षित कनेक्शन स्थापित हो सके। डॉ. सोमनाथ ने बताया, “अंतरिक्ष के वैक्यूम में इस तरह की प्रिसिजन हासिल करना एक बड़ी चुनौती है। धरती पर हमारे पास जीरो-ग्रेविटी एनवायरनमेंट नहीं है, जिससे ग्राउंड टेस्टिंग बेहद मुश्किल हो जाती है। इसके लिए हमें इनोवेटिव हार्डवेयर और रोबोटिक टेस्ट सेटअप्स डेवलप करने पड़े।

ISRO ने अपने PSLV Orbital Experiment Module (POEM) के जरिए भारत के स्पेस सेक्टर में एक नई क्रांति ला दी है। यह अनोखा प्लेटफॉर्म भारतीय स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन्स को अपनी स्पेस टेक्नोलॉजी का टेस्ट करने का मौका देता है, बिना पूरे सैटेलाइट लॉन्च किए। भारत की स्पेस रेगुलेटरी बॉडी के चेयरमैन पवन गोयनका के मुताबिक, “POEM एक किफायती और प्रैक्टिकल सॉल्यूशन है, जो स्पेस सेक्टर में एंट्री बैरियर्स को कम करता है और नवाचार को बढ़ावा देता है।

यह पहल न सिर्फ स्पेस टेक्नोलॉजी को डेवलप करने में मदद करेगी, बल्कि भारत को ग्लोबल स्पेस इकोसिस्टम में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी। POEM के जरिए छोटे और मझोले संस्थान भी अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं, जो भारत के आत्मनिर्भर अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ा कदम है|

इस तरह, POEM न सिर्फ भारत के स्पेस सेक्टर को मजबूत करेगा, बल्कि युवा वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स को अपने सपनों को अंतरिक्ष तक पहुँचाने का मौका देगा।

  1. POEM की खासियत: इसके फायदों को बुलेट पॉइंट्स में समझाया गया है।
  2. भविष्य की संभावनाएं: इसे भारत के आत्मनिर्भर अंतरिक्ष कार्यक्रम से जोड़ा गया है।
  3. यूजर-फ्रेंडली भाषा: कंटेंट को सरल और समझने में आसान बनाया गया है।
  4. इमोजी और हैशटैग्स: एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए इमोजी और हैशटैग्स का इस्तेमाल किया गया है।

डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमताएं भारत को अंतरिक्ष में काम करने वाले देशों के एक एलीट ग्रुप में शामिल कर देती हैं। यह एक्सपेरिमेंट सैटेलाइट रिपेयर, रिफ्यूलिंग, डेब्रिस रिमूवल जैसे प्रॉक्सिमिटी ऑपरेशन्स के लिए भी नींव रखता है। डॉ. सोमनाथ ने कहा, “SpaDeX ISRO की टीम की लगन और टेक्नोलॉजिकल बाउंड्रीज को पुश करने की एक्सपर्टीज का प्रदर्शन है।

SpaDeX मिशन के सफल होने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जो स्पेस डॉकिंग जैसे कॉम्प्लेक्स ऑपरेशन्स को अंजाम दे सकते हैं। डॉ. सोमनाथ ने कहा, “इस मिशन की सफलता भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगी, न सिर्फ सैटेलाइट लॉन्च करने में बल्कि कॉम्प्लेक्स स्पेस ऑपरेशन्स में भी।

SpaDeX मिशन चंद्रयान-4 के लिए एक स्टेपिंग स्टोन है, लेकिन और एडवांस्ड टेस्ट्स की जरूरत होगी। यह मिशन सर्कुलर ऑर्बिट्स पर फोकस करता है, जबकि लूनर डॉकिंग एलिप्टिकल ऑर्बिट्स में अलग कंडीशन्स के तहत होगी। SpaDeX से मिले सबक भारत के लॉन्ग-टर्म गोल्स, जैसे ह्यूमन स्पेस एक्सप्लोरेशन और एक सेल्फ-सस्टेनिंग स्पेस इकोसिस्टम बनाने में मदद करेंगे।


Exit mobile version